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(धर्म यात्रा में-)जगन्नाथपुरी मंदिर में इंदिरा गांधी को नही मिला था प्रवेश, ऐसी नदी जहां असाध्य चर्म रोग भी होता है ठीक साथ ही विश्व प्रसिद्ध कोणार्क मंदिर के देखे रहस्य।
आज हम जगन्नाथ पुरी धाम की दूसरे दिन की यात्रा पर जगन्नाथ मंदिर के कुछ रहस्य जो बच गए थे उसके बारे में बताएंगे साथ क्या आप जानते है एक बार इस मंदिर का दर्शन करने आई स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को क्यों अंदर जाने नही दिया गया। उसकी भी जानकारी देंगे साथ ही एक ऐसे नदी के बारे में बताएंगे जहां कैसा भी असाध्य चर्म रोगी हो उस पानी मे नहाने से ठीक हो जाता हैं, और साथ ही धर्म यात्रा में विश्व प्रसिद्ध कोणार्क मंदिर इतना क्यों प्रसिद्ध हैं कि देश विदेश से लोग पहुँचते हैं उसके बारे में भी हम विस्तृत जानकारी देंगे।आइये जानते है खबर पर।
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जगन्नाथ पूरी मंदिर एक ऐसा इकलौता मंदिर है जहां भगवान जगन्नाथ के साथ भाई बालभद्र और बहन सुभद्रा का यह मंदिर है। यह काठ यानी लकड़ियों की मूर्तियां हैं। जगन्नाथ मंदिर के रहस्य में
मान्यतानुसार भगवान कृष्ण ने अपनी देह का त्याग इसी मंदिर में किया। कहते है कि शरीर के एक हिस्से को छोड़कर उनकी पूरी देह पंचतत्व में विलीन हो गई और यह हिस्सा उनका हृदय था। माना जाता है कि मंदिर में रखे श्रीकृष्ण के लकड़ी के देह में आज भी वह हृदय धड़क रहा है।
दूसरे रहस्य में —
मंदिर में जाने वाले भक्तों का कहना है कि मंदिर के सिंहद्वार में जाने पर जबतक अंदर कदम नहीं जाते तो समुद्र की लहरों की आवाज आती है. लेकिन, जैसे ही कदम सिंहद्वार में पड़ते हैं वैसे ही लहरों की आवाज रुक जाती है. तीसरे रहस्य में
जगन्नाथ मंदिर के शीर्ष पर जो झंडा लगा है कहते हैं कि वह झंडा हवा की विपरीत दिशा में उड़ता है. कहा जाता है कि इस मंदिर का झंडा रोजाना बदला जाता है और अगर किसी दिन झंडा नहीं बदला गया तो यह मंदिर 18 सालों के लिए बंद कर दिया जाएगा।
इस मंदिर की रसोई से भी एक रहस्य जुड़ा है. यहां जो प्रसाद बनता है वो सात मिट्टी के बर्तनों में बनाया जाता है और सातों बर्तनों को एक के ऊपर एक रखा जाता है. हैरानी की बात कही जाती है कि सबसे पहले प्रसाद सातवें बर्तन में तैयार होता है और उसके बाद छठे, पांचवे, चौथे, तीसरे, दूसरे और फिर पहले में प्रसाद पककर तैयार होता है। रहस्य तो बहुत भरे पड़े है हम आप को एक और रहस्य के बारे में बताते है,
कहते हैं कि मूर्तियों के अंदर ब्रह्म पदार्थ है जिसे नई मूर्तियों में डाला जाता है. मंदिर की मूर्तियों को हर 12 साल में बदला जाता है और इस दौरान बिजली काट दी जाती है. कोई नहीं जानता कि यह ब्रह्म पदार्थ क्या है। अब एक और जानकारी।
जगन्नाथ मंदिर में केवल सनातनी हिंदू ही आ सकते हैं. एकबार वहां पहुँची पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी मंदिर में आने की इजाजत नहीं दी गई थी।
आप के स्क्रीन पर यह समुद्र का नज़ारा दिख रहा होगा जिसको चन्द्रभागा कहते है।कहा जाता हैं । बताया जाता हैं कि यहां एक चन्द्रभागा नदी थी जो यहां सुख गई है और इस समुद्र के पास मिल जाती हैं, साल भर में सिर्फ कुछ दिनों के लिए इस नदी में स्वयं पानी आ जाता हैं,उस वक्त यहां मेला लगता है और दूर दराज से आये पीड़ित असाध्य चर्म रोगी इस पानी से स्नान कर रोग से मुक्त हो जाते है। इस समुद्र तट की लहरें बिलकुल दूध जैसी सफ़ेद दिखती हैं ऐसी सफेदी आप को और कही नही मिलेगी, इसकी सुंदरता के कारण ही इस तट की तुलना देश के सबसे खूबसूरत तटों में होती है। अब हम चन्द्रभागा नदी की कहानी भी बताते है।
पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण के पुत्र साम्भ से नाराज हो कर नारदमुनि ने श्राप दे दिया।और उनको कुष्ठ रोग हो गया उस श्राप से मुक्ति को लेकर साम्भ ने चन्द्रभागा नदी के तट सूर्य भगवान की तपस्या की, जहां उनको इस रोग से मुक्ति मिली, इस लिए साल भर में यहां एक बार मेला लगता है।
आइये चलते हैं इससे मात्र लगभग चार किलोमीटर दूर कोणार्क मंदिर पर।
आपने 10 रुपए के नोट के पीछे कोणार्क सूर्य मंदिर की तस्वीर जरूर देखी होगी। यह भारत के प्रमुख सूर्य मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण इस प्रकार किया गया था कि सूर्य की पहली किरणें पूजा स्थल और भगवान की मूर्ति पर पड़ती थीं। कोणार्क सूर्य मंदिर भारत के ओडिशा राज्य में जगन्नाथ पुरी से 35 किलोमीटर दूर कोणार्क शहर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण कलिंग स्थापत्य शैली के तहत किया गया था। यह मंदिर बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से बना है।
भुवनेश्वर कोणार्क मंदिर
भुवनेश्वर चन्द्रभागा नदी
जगन्नाथ पुरी मंदिर
अधूरी प्रतिमा की पूजा
सबर काबिले के दैतापति
हिंदू परंपरा
ओडिशा की संस्कृति
भगवान जगन्नाथ
धार्मिक रहस्य
भारतीय मंदिर
पूजा परंपरा
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साथ ही देखे सुल्तानपुर जनपद की अपडेट खबरे
संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौत।
गोमती नदी उतराता मिला शव।
बल्दीराय गोविंदपुर के रहने वाले युवक के रूप में हुई मृतक की पहचान।
कुड़वार स्थित गोमती नदी पुल के नीचे का मामला।
[सुल्तानपुर ब्रेकिंग–पूर्व मंत्री/पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल। मजाक बन गया भारत-पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर। बहराइच मेले पर हिंदू मुस्लिम राजनीति कर रही योगी सरकार। अदालत के निर्णय का हम करेंगे स्वागत, पूर्व के मेले को बंद नहीं करना चाहिए था योगी सरकार को। भारत-पाक मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल के विदेश दौरे पर बोले मंत्री, यह राजनीति का विषय। प्रदेश की योगी सरकार पर बोला हमला, कहा बेरोजगारी और शिक्षा समेत तमाम मुद्दों पर फेल रही प्रदेश सरकार। सुल्तानपुर आगमन के दौरान पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रदेश सरकार को लिया आड़े हाथ।
[कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर फूंका सपा नेता अखिलेश यादव का पुतला
सुलतानपुर।सहकारी बैंक के डायरेक्टर कृष्ण नारायण तिवारी उर्फ किन्नू तिवारी की अगुवाई में ब्राह्मण समाज के लोगों ने समाजवादी पार्टी और उनके मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, अखिलेश यादव मुर्दाबाद के नारे लगाए।कलेक्ट्रेट के सामने अखिलेश यादव का पुतला फूंका।यह कार्रवाई समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल के एक्स एकाउंट से उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को लेकर दिए गए विवादित व आपत्तिजनक पोस्ट के विरोध में की गई। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर किन्नू तिवारी ने कहा ब्राह्मण, समाज का प्रबुद्ध वर्ग हैं।समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल द्वारा डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी की निंदा करते हुए किन्नू तिवारी ने कहा यह समाजवादी पार्टी के लिए ताबूत की कील साबित होंगी।सपा को इसका अंजाम 2027 चुनाव में भुगतना पड़ेगा। प्रदर्शन में शामिल सनी मिश्रा ने कहा की ब्राह्मण समाज भारतीय संस्कृति का आधार है।उन्होंने कहा ब्राह्मण समाज समाजवादी पार्टी की गन्दी व गाली गलौज वाली राजनीति को सबक सिखाएगी। विरोध प्रदर्शन में रमेश शर्मा प्रधान, रमेश उपाध्याय,अखिलेश शर्मा, वीरेन्द्र शर्मा,शुभम द्विवेदी एडवोकेट, राजेश मिश्रा, सुधांशु तिवारी,शुभम तिवारी, प्रवीण मिश्रा, ज्ञान पाण्डेय,शैलेश पाण्डेय समेत दर्जनों लोग शामिल रहे।
[सुल्तानपुर फ्लैश—कानून व्यवस्था बिगड़ने पर दरोगा ने दर्ज कराया प्रधान प्रतिनिधि चिरंजीवी मिश्रा उर्फ मोंटी समेत लगभग दर्जन भर नामजद के खिलाफ मुकदमा। आबादी की जमीन पर कब्जे को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने। कुड़वार थाना क्षेत्र अंतर्गत बहमरपुर ग्राम पंचायत से जुड़ा मामला। घरौनी की जमीन पर भगवान की प्रतिमाएं रखकर कब्जा करने का चल रहा था प्रयास। कानून व्यवस्था प्रभावित करने और सांप्रदायिक सौहार्द्ध बिगाड़ने की गंभीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत। थाना अध्यक्ष अमित कुमार मिश्रा बोले, मुकदमा दर्ज कर की जा रही मामले की जांच पड़ताल।
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