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ब्लाक प्रमुखी व जिलापंचायत अध्यक्ष में हुआ खेला | UP Gram Panchayat 2026 : जानिए प्रधानी का कब चुनाव
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों की संख्या में कटौती*
यूपी में 504 ग्राम पंचायतें घटी।
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826 ब्लॉक प्रमुख व 75 जिला पंचायत अध्यक्ष भी जाएंगे चुने।
अब 57695 ग्राम पंचायतों में ही होगा चुनाव। अप्रैल में पंचायत चुनाव कराए जाने की तैयारी शुरु।
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों की संख्या में कटौती हुई है, जिससे अब 57695 ग्राम पंचायतों में चुनाव होगा। पंचायती राज विभाग ने अगले साल अप्रैल में पंचायत चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
*कारण:*
शहरी सीमा का विस्तार होने के कारण बड़ी संख्या में ग्राम पंचायतें शहरों में शामिल हो गई हैं।
*प्रभाव:*
– ग्राम पंचायतों की संख्या कम होने से चुनावी सीटें भी कम होंगी।
– वार्डों की संख्या में बदलाव होगा और क्षेत्र पंचायत की गणित में फेरबदल होगा।
*तैयारियां:*
– पंचायती राज विभाग ने आंशिक पुनर्गठन की अधिसूचना जारी कर दी है।
– मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
*नए प्रस्ताव:*
– ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सीधे आम जनता से वोटिंग कराने की तैयारी है।
– पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने केंद्र और राज्य सरकार से इसकी मांग की है।
बारे में सभी पहलुओं पर की जा रही जांच पड़ताल। रंजिश से जोड़कर देखी जा रही घटना। साक्ष्य के आधार पर की जाएगी आवश्यक विधिक कार्रवाई।
[ *आईएएस की नौकरी देने के नाम पर38लाख रु वसूली के मामले में केस दर्ज*
सुल्तानपुर।आईएएस परीक्षा का ई एडमिट कार्ड देने,ज्वाइनिंग लेटर के साथ नौकरी दिलाने के नाम पर 38लाख रु की वसूली के मामले में एसपी के निर्देश पर धोखाधड़ी,जालसाजी समेत कई धाराओं में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है।मामला कोतवाली नगर के लक्ष्मणपुर चौकी क्षेत्र का है।पीड़ित प्रांजल त्रिपाठी ने एसपी,डिप्टी सीएम व एएसपी से मिलकर लिखित तहरीर देते हुए शिकायत की थी।फिलहाल पुलिस ने तहरीर के अनुसार प्रणव ,बजरंग द्विवेदी अधिवक्ता,मनीष दुबे,आशीष,राज,दीपक पटेल,श्रेयांश थाना कूरेभार समेत सात के खिलाफ धोखाधड़ी,जालसाजी, कूट रचित दस्तावेज,धमकी का मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
[ *मित्र पुलिस का मानवीय चेहरा, 6 बेटियों को दिया पिता का साया*
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सुल्तानपुर : सुल्तानपुर की पुलिस का मित्र चेहरा एक बार फिर सामने आया है। गोसाईगंज कोतवाल राम आशीष उपाध्याय ने गोसाईगंज कोतवाली क्षेत्र के मगनगंज निवासी 6 बेटियों को उसके पिता का साया फिर से लौटा दिया है। पिता ने अपनी पत्नी से तंग आकर तलाकनामा भेजा था। जिसको लेकर पत्नी ने तीन तलाक का मुकदमा दर्ज करने का प्रार्थना पत्र गोसाईगंज कोतवाल रामाशीष उपाध्याय को दिया था। कोतवाल ने दोनों पक्षों को बुलाया और पति-पत्नी को बच्चों का चेहरा और भविष्य देखकर साथ रहने के लिए राजी कर दिया। सुलह समझौते के जरिए एक बार फिर एक छत के नीचे पति-पत्नी जिंदगी गुजरने को राजी हुए हैं। सबसे बेहतरीन बात यह रही कि छह बेटियों के सिर पर पिता और मां का संयुक्त साया रहेगा। गोसाईगंज कोतवाल रामाशीष उपाध्याय बोले कि राजी खुशी से पति-पत्नी साथ रहने को राजी हो गए हैं।
[ *बारात में बवाल, वाहनों में तोड़फोड़, पिटे पंडित जी*
*कोतवाली देहात में बढ़ रहा अपराध ग्राफ*
सुल्तानपुर। देहात कोतवाली क्षेत्र के कुछमुछ बरगदवा गांव में आई बारात में सोमवार की रात मामूली कहासुनी के बाद बवाल हो गया। जमकर मारपीट हुई। बरातियों के वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए गए हैं। बीच बचाव करने पर शादी कराने आए पंडित जी को भी पीटा गया। पुलिस पहुंची तो स्थिति काबू में हुई। किसी तरह शादी की रश्म निभाई गई। पुलिस क्षतिग्रस्त वाहनों को कब्जे में ले लिया है। जाँच पड़ताल की जा रही है। मामले की तहरीर पुलिस को दी गई है। वही देहात कोतवाल अखंड देव मिश्रा का कहना है कि प्रार्थना पत्र मिलने पर मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। अभी प्रार्थना पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
सुल्तानपुर फ्लैश
लोकनिर्माण विभाग सीडी 3 में शासनादेश के विरुद्ध तैनात सहायक अभियंता दुर्गेश कुमार की मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई शिकायत, जांच के आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार के आला वज़ीर द्वारा जारी ट्रांसफर नीति की जमकर उड़ाई जा रही धज्जी से जुड़े मामले की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई शिकायत, शिकायतकर्ता दुर्गेश कुमार मिश्रा ने सीएम योगी को चिठ्ठी लिख मानकों को ताक पर रखकर जीओ व शासनादेश के बावजूद सुल्तानपुर जिले के लोक निर्माण विभाग (PWD) में घोर लापरवाही और रसूखदारी का मामला लाया सामने जिसमें वर्तमान तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार व आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने जैसे गम्भीर आरोप लगाते हुए हाईलेवल इंक्वायरी की मांग । CD-3 डिवीजन के सहायक अभियंता दुर्गेश कुमार वर्ष 2017 में तैनाती के बाद पुनः 2019 को एक बार फिर से हुई पद पर तैनाती, जिससे राज्य सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति के आदेशों की खुलेआम अवहेलना की चर्चाएं सरेआम ।
शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर तैनात नहीं रहेगा बरकरार,सीडी 3 डिवीजन के सहायक अभियंता दुर्गेश कुमार की रिपोस्टिंग बनी जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल । 2019 से दुर्गेश कुमार की लगातार 6 वर्षों से एक ही कुर्सी पर तैनाती योगी आदित्यनाथ के ट्रांसफर नीति को खड़े कर रही आरोपों के कटघरे में, जो ट्रांसफर नीति पर बड़ा सवाल खड़े करने पर बल देती नजर आ रही है। शिकायतकर्ता दुर्गेश कुमार मिश्रा के पत्र पर शासन ने लिया संज्ञान जांच हुई शुरू,सहायक अभियंता दुर्गेश कुमार की मुश्किलें बढ़ना तय
नाम न छापने की शर्त पर विभागीय सूत्रों का दावा है कि सत्ताधारी दल के एक माननीय जो शासन में एक उच्चपदस्थ के इशारे पर ट्रांसपेरेंट ई-टेंडरिंग प्रणाली के मैनेजमेंट पर अभयदान स्वरूप एक ही कुर्सी पर तैनाती का अभयदान अपरोक्ष रूप से दे रखा है।
सत्ताधारी – माननीय व अधिकारी गठजोड़ के इस रसूख को बेमिशाल बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। जिससे योगी सरकार की सख्त ट्रांसफर नीति भी जिले में फिसड्डी साबित होती नजर आ रही है। जबकि सूबे के मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस नीति के कसीदे पढ़ते नज़र आते नज़र आ रहे हैं, बैरहाल जानकार कहते हैं कि पंचायत चुनाव के पहले ही ऐसे माननीय व शासन में उच्चपदस्थ अफसरों के सिंडीकेट पर मुख्यमंत्री कार्यालय गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर बेमिसाल चाबुक चलाने वाला है, वही शिकायतकर्ता की माने तो जांच रिपोर्ट आते ही माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में दाखिल करेंगे याचिका
पीडब्ल्यूडी विभाग के अंदरखाने में चर्चा है कि जब तक रसूख और सिफारिशों का बोलबाला रहेगा, तब तक शासनादेश मात्र कागजों तक ही सीमित रह जाएगा। ट्रांसफर नीति का ऐसा उदाहरण ट्रांसपेरेंसी और जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करता है।
https://youtu.be/90FkJv9_30k?si=rqiDsR_NezIJozif
शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी तीन वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर तैनात नहीं रहेगा बरकरार,सीडी 3 डिवीजन के सहायक अभियंता दुर्गेश कुमार की रिपोस्टिंग बनी जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल । 2019 से दुर्गेश कुमार की लगातार 6 वर्षों से एक ही कुर्सी पर तैनाती योगी आदित्यनाथ के ट्रांसफर नीति को खड़े कर रही आरोपों के कटघरे में, जो ट्रांसफर नीति पर बड़ा सवाल खड़े करने पर बल देती नजर आ रही है। शिकायतकर्ता दुर्गेश कुमार मिश्रा के पत्र पर शासन ने लिया संज्ञान जांच हुई शुरू,सहायक अभियंता दुर्गेश कुमार की मुश्किलें बढ़ना तय
नाम न छापने की शर्त पर विभागीय सूत्रों का दावा है कि सत्ताधारी दल के एक माननीय जो शासन में एक उच्चपदस्थ के इशारे पर ट्रांसपेरेंट ई-टेंडरिंग प्रणाली के मैनेजमेंट पर अभयदान स्वरूप एक ही कुर्सी पर तैनाती का अभयदान अपरोक्ष रूप से दे रखा है।
सत्ताधारी – माननीय व अधिकारी गठजोड़ के इस रसूख को बेमिशाल बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। जिससे योगी सरकार की सख्त ट्रांसफर नीति भी जिले में फिसड्डी साबित होती नजर आ रही है। जबकि सूबे के मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस नीति के कसीदे पढ़ते नज़र आते नज़र आ रहे हैं, बैरहाल जानकार कहते हैं कि पंचायत चुनाव के पहले ही ऐसे माननीय व शासन में उच्चपदस्थ अफसरों के सिंडीकेट पर मुख्यमंत्री कार्यालय गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर बेमिसाल चाबुक चलाने वाला है, वही शिकायतकर्ता की माने तो जांच रिपोर्ट आते ही माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में दाखिल करेंगे याचिका
पीडब्ल्यूडी विभाग के अंदरखाने में चर्चा है कि जब तक रसूख और सिफारिशों का बोलबाला रहेगा, तब तक शासनादेश मात्र कागजों तक ही सीमित रह जाएगा। ट्रांसफर नीति का ऐसा उदाहरण ट्रांसपेरेंसी और जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करता है।
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