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Sultanpur News :-जमीनी विवाद में प्रधान प्रतिनिधि की दबंगों ने की पिटाई,जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया पौधरोपण,मारफापुर गांव के पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट बने सरफराज़ खान।

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जमीनी विवाद में प्रधान प्रतिनिधि की दबंगों ने की पिटाई,केस हुआ दर्ज

सुलतानपुर – जमीनी विवाद में खार खाए विरोधियों ने प्रधान प्रतिनिधि की पिटाई के साथ साथ जान से मारने की धमकी,पीड़ित सज्जन अली ने नजदीकी थाने पर दी लिखित सूचना,थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह बोले प्रधान प्रतिनिधि के तहरीर पर दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है,मामला कूरेभार थाना क्षेत्र के ढेसरुआ चौराहे के पास की घटना।

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[वन महोत्सव पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया पौधरोपण,दिया पर्यावरण बचाने का संदेश

सुल्तानपुर। कुड़वार ब्लाक के गजाधर का पुरवा मजरे धारूपुर में वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती ऊषा सिंह ने पौधरोपण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन का आधार हैं और सभी को अधिक से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करना चाहिए।कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक वानिकी वन प्रभाग सुल्तानपुर द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती उर्मिला राम शंकर यादव, ललली यादव, अभिषेक यादव, अरविंद यादव, श्याम प्रीत, विजय बहादुर, वन रेंजर आर.के. मौर्य समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। सभी ने मिलकर दर्जनों पौधे लगाए और उनकी देखरेख का संकल्प लिया।

मारफापुर गांव के पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट बने सरफराज़ खान — दादा जी और परिवार की प्रेरणा से मिली बड़ी सफलता

मारफापुर (जनपद अमेठी), 6 जुलाई 2025:
मई 2025 में आयोजित सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंसी) परीक्षा में उत्तीर्ण होकर मारफापुर गांव के सरफराज़ खान ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वह अपने गांव के पहले व्यक्ति बने हैं जिन्होंने यह प्रतिष्ठित परीक्षा पास की है। यह सफलता सिर्फ उनकी मेहनत का परिणाम नहीं, बल्कि उनके दादा जी की प्रेरणा और परिवार के मजबूत समर्थन का भी प्रतीक है।

सरफराज़ ने बताया कि उनके दादा जी हमेशा शिक्षा को सबसे बड़ी पूंजी मानते थे। उन्होंने ही सरफराज़ को शुरू से पढ़ाई के प्रति प्रेरित किया और कभी हार न मानने का हौसला दिया। सीमित संसाधनों और कई मुश्किलों के बावजूद, उनके माता-पिता और पूरे परिवार ने उनका पूरा साथ दिया।

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“मैं जो कुछ भी हूं, अपने दादा जी और माता-पिता की दुआओं और विश्वास की वजह से हूं। यह मेरी नहीं, पूरे परिवार की जीत है,” — सरफराज़ ने भावुक होकर कहा।

अब सरफराज़ खान का सपना है कि वह गांव के अन्य युवाओं को भी पढ़ाई के लिए प्रेरित करें, उन्हें मार्गदर्शन दें, ताकि मारफापुर से और भी बच्चे उच्च शिक्षित होकर समाज और देश का नाम रोशन करें।

उनकी इस उपलब्धि से पूरे मारफापुर गांव में खुशी और गर्व का माहौल है। गांववासी उन्हें एक आदर्श और प्रेरणा स्रोत के रूप में देख रहे हैं।

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