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यूपी/सुलतानपुर- मजबूरियों के नाम पर सब छोड़ना पड़ा दिल तोड़ना कठिन था पर तोड़ना पड़ा-नसीमुद्दीन सिद्दीकी नेता कांग्रेस

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*यूपी/सुलतानपुर- मजबूरियों के नाम पर सब छोड़ना पड़ा दिल तोड़ना कठिन था पर तोड़ना पड़ा-नसीमुद्दीन सिद्दीकी नेता कांग्रेस*

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कभी बसपा के कद्दावर नेता और बसपा सुप्रीमो के करीबी कहे जाने वाले पूर्व कैबनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दिकी दो साल पहले बसपा से त्याग पत्र दे दिए थे , कांग्रेस पार्टी का दामन थामने के बाद पहली बार जनपद में पहुंचे कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से संवाद करने के कार्यक्रम में पी डब्लू डी के गेस्ट हाउस में बसपा छोड़ने के जवाब में उन्होंने शायर अंदाज में कुछ इस तरह अपने दर्दे दिल को बयां किये उन्होंने अपने शायर अंदाज में बयां करते हुए कहे कि,मजबूरियों के नाम पर सब छोड़ना पड़ा, दिल तोडना कठिन था मगर तोडना पड़ा, तूफान पर लिखे थे मेरे दोस्तों के नाम , किसी को साहिलो की तरफ मोड़ना पड़ा , बहरहाल, श्री सिद्दिकी ने शायर भरे अंदाज में वह सब कुछ कह डाले जो उनके दिल में आज भी कही कही न दर्द बनकर कौंध रहा है।

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