यूपी/अमेठी–सात दिन से चल रहीं भागवत कथा के आज अंतिम दिन कथा व्यास सर्वेश महराज द्वारा कृष्ण सुदामा मिलन की कथा का उच्चारण किया गया।जिसमें भक्तों ने कथा का श्रवण किया।
-यूपी/अमेठी–सात दिन से चल रहीं भागवत कथा के आज अंतिम दिन कथा व्यास सर्वेश महराज द्वारा कृष्ण सुदामा मिलन की कथा का उच्चारण किया गया।जिसमें भक्तों ने कथा का श्रवण किया।
रिपोर्ट-चंदन दुबे
सही मार्ग पर चलना सिखाती है श्रीमद् भागवत कथा
कालिकन धाम में शिव मंदिर गणेश देवतन पर फक्कड़ महाराज के प्रेरणा से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन भौसिंहपुर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रज्जु उपाध्याय द्वारा आयोजित किया गया है
कथा के अंतिम दिवस कथा सुनाते हुए भागवताचार्य सर्वेश महाराज ने सुदामा चरित्र का वर्णन किया। कहा कि मित्रता का अर्थ स्वार्थ नहीं बल्कि सहयोग और समर्पण होना चाहिए।सच्ची मित्रता हमें प्रभु के चरणों में ही मिल सकती है। सुदामा के द्वारिका से लौटने पर अपनी कुटिया के स्थान पर खड़े ऊंचे महल देखकर वह डर गए। भजन सुदामा महलन देख डरे, कहां गईं मेरी फूटी कुटिया, महलन के खम्भ सोने के खम्भ भए… पर सभी कथा स्थल बांके बिहारी के जयकारों से गूंज उठा। विनती कुंवर किशोरी मेरी मान-मान-मान, काहे को बैठी रुक्मणी भौहें तान-तान-तान…, भजन पर श्रद्धालुओं नृत्य किया।
16108 रानियां, बृज की गोपियां, नन्द बाबा, यशोदा का कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के समय स्नान करने पहुंचने पर हुए मिलन की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। जहां रास भी हुआ। श्रीकृष्ण को गांधारी द्वारा दिए गए श्राप, राजा परिक्षित मोक्ष की कथा कही।