KDNEWS/-परदेश गए युवक की दुर्घटना में गई जान,परिजनों का रो रो कर बुरा हाल
सुल्तानपुर के युवक की मध्यप्रदेश में मौत!
सुल्तानपुर-परिवार के भरण-पोषण के लिए परदेश गए युवक ने दुर्घटना में जान गवां दी।अपने ऊपर जिम्मेदारी होने के कारण नौकरी करने के लिए मध्यप्रदेश के सीधी नामक जिले में एक शिवशक्ति स्टोन क्रेशर के नाम की कंपनी में काम करने गये थे।माता पिता के होनहार लाल की सड़क दुघर्टना में मौत होने की जानकारी मिली तो परिवार पर मानो वज्र टूट पड़ा ।स्थानीय कुड़वार थाना क्षेत्र अंतर्गत भण्ड़रा परशुरामपुर ग्रामसभा के पूरे ललक तिवारी गांव के शिव लखन तिवारी का छोटा बेटा नीरज तिवारी मध्यप्रदेश के सीधी जिले के एक निजी कंपनी शिवशक्ति स्टोन क्रेशर कंपनी में काम करने गये थे। जहां पर पत्थर मिक्सर मशीनों द्वारा बड़े-बड़े पत्थरों को तोड़कर छोटा किया जाता है और फिर वही पत्थर सड़क निर्माण व अन्य कार्यों में उपयोग किए जाते हैं।उसी प्लांट में विगत चार सालों से काम किया करता था। शिवशक्ति स्टोन क्रेशर कंपनी के प्लांट ठेकेदार सिंकू सिंह के यहां सुपरवाइजर होने की जानकारी मिल रही है। नीरज जो पैसे अपनी पसीने की कमाई घर भेजते थे उसी से परिवार का खर्च चलता था। नीरज के परिवार में सबसे छोटा था।एक बहन और दो भाई हैं और माता-पिता, बड़ी बहन रोशनी की शादी पिछले वर्ष कर दिया था और वह अपने ससुराल में रहती हैं। बड़ा भाई सूरज अभी पढ़ाई करता है जिसका खर्च भी नीरज को ही उठाना पड़ता था। घर पर जमीन भी कम है जिसके कारण पानी को छोड़कर बाकी सब खरीदना ही पड़ता है।स्थानीय उदय प्रकाश मिश्रा के मोबाइल फोन पर रात करीब नौ बजे के करीब नीरज तिवारी के मोबाइल नंबर से किसी दूसरे ने फोन किया पूछा कि नीरज कैसे हो तो उसने कहा कि मैं नीरज नहीं हूं आप कौन बोल रहे हो उनके पिता जी को बता दीजिए कि नीरज का रोड़ पर बाइक से जाते समय पिकअप गाड़ी से पीछे से एक्सीडेंट हो गया है हालत नाज़ुक है तत्काल उनके पिता जी को भेजिए। जिसकी सूचना मिलते ही परिवार के सभी लोग स्तब्ध रह गए। मध्य प्रदेश के सीधी जिले से देर शाम पीएम होने के उपरांत नीरज का शव गांव पूरे ललक तिवारी लाया गया। और अंतिम संस्कार कुड़वार के श्मशान घाट पर कर दिया गया। क्षेत्र के लोगों को शव आने की जानकारी मिलने पर एक झलक पाने के लिए लोगों का तांता लगा रहा मौके पर मौजूद सभी लोग अपनी आंसू नहीं रोक सके। माता पिता भाई बहन और रिश्तेदारों शुभचिंतकों का रो रो कर बुरा हाल है।बेचारी लाचार मां कुछ बोल तक नहीं पा रहीं हैं। पूरे गांव में मातम छाया रहा।