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आयुर्वेद की ओर दुनिया निहार रही है
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रिपोर्ट अद्वैत दशरथ तिवारी
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प्रतापगढ़। अजीत आरोग्य केंद्र-देल्हूपुर में आज धन्वंतरि जयंती को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर जांबाज हिन्दुस्तानी के अध्यक्ष आलोक आजाद ने भगवान धन्वंतरि के चित्र पर माल्यार्पण कर शुभारंभ किया।इस अवसर पर श्री आजाद ने कहा कि आयुर्वेद से अच्छी कोई अन्य चिकित्सा पद्धति नहीं है। आयुर्वेद पूर्ण रूप से वैज्ञानिक हैं। इस कोरोना महामारी में आयुर्वेद ने हीआम लोगों के जीवन की रक्षा की।आयुष इंटरनेशनल मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य वैद्य एडी तिवारी ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और उसके चिकित्सक उसके इलाज और बचाव का रास्ता निकलने में खुद को असहाय पा रहे हैं । ऐसी स्थिति में भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लोग प्राचीन चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद की ओर आशा भरी दृष्टि से निहार रहे हैं।विश्व की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद भारत की बड़ी जनसंख्या के बीच परम्परागत रूप से किसी न किसी रूप में आज भी विद्यमान है। लेकिन इसके विरुद्ध दुष्प्रचार इतनी मजबूती पकड़ लिया है कि स्वतंत्रता के बाद सुनियोजित तरीके से पूर्वजों की इस अमूल्य धरोहर को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। स्वतंत्रता पूर्व एलोपैथी को भारत में पुनर्स्थापित करने के उपक्रम में आयुर्वेद का जितना विनाश अंग्रेजों ने किया उससे की गुना अधिक विनाश स्वतंत्रता के पश्चात ये काले अंग्रेज़ कर चुके हैं।अंत में यही कहा जा सकता है कि लोग, निदान, उपचार, बचाव और औषधि आदि आयुर्वेद के विभिन्न आयामों पर यह पूर्णतः स्पष्ट है कि भारत को स्वस्थ्य रखने के लिए आयुर्वेद पूर्णतः और निरंतर सक्षम है। जरुरत है इच्छा शक्ति की।जो दुष्प्रचार के चक्रव्यूह से भ्रमित नौकरशाही को अपने निजी आर्थिक हितों से पूरे राष्ट्र के स्वास्थ्य के प्रति चिंतन करें।जांबाज हिन्दुस्तानी के उपाध्यक्ष आलोक तिवारी ने कहा कि देशी चिकित्सा कई मायने में लाभप्रद है। सभी को अपनी जलवायु के मुताबिक आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करना चाहिए।इस मौके पर डॉ डीपी सिंह,बाबा लतीफ, मो अकबाल,अनूप तिवारी , संदीप सिंह, गुलाब चंद यादव,अतींद्र सहित तमाम लोग मौजूद रहे।