पुलिस अधीक्षक द्वारा अपराध समीक्षा बैठक के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा
रिपोर्ट अद्वैत दशरथ तिवारी
प्रतापगढ़। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने थानों पर ईमानदारी की मिसाल कायम करने को कहा। जनसमस्याओं के निस्तारण का भरसक प्रयास करें।जनहित-केंद्रित पुलिसिंग करें समस्त अधिकारी, थाना प्रभारी व पुलिसकर्मी। अपराधियों के साथ सख्त से सख्त रवैया व कार्यवाही करें। पिछले तीन सालों में अवैध शराब की बड़ी बरामदगी में जितने प्रकरणों में अभियुक्तों की नामजदगी गलत हुई है उनकी समीक्षा कर उनकी विवेचना पुनः कराई जाएगी। माफिया से अगर किसी पुलिसकर्मी की संलिप्तता पाई गई तो गैंगस्टर में गैंग के सहयोगी के रूप में अभियुक्त बना कर कार्यवाही की जाएगी।
वांछित अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही में तत्कालीन थाना प्रभारी अंतु आर0एल0 कन्नौजिया व वर्तमान थाना प्रभारी कंधई को अंतिम चेतावनी। अगली क्राइम मीटिंग तक अगर गिरफ्तारी/एनबीडब्लू/82/83 की कार्यवाही पूर्ण नहीं की गयी तो होंगे निलंम्बित। गैंग पंजीकरण व हिस्ट्रीशीट खोलने में रानीगंज व सदर सर्कल का बेहतर परिणाम जबकि सिटी व पट्टी सर्कल की स्थिति असंतोषजनक।पंचायत चुनाव के दृष्टिगत प्रत्येक थाना क्षेत्र में 20-20 व्यक्ति चिन्हित किया जाए जिनको 25-25 लाख की धनराशि से पाबन्द किया जाना है। धारा 376 के प्रकरणों मे अभियुक्त का मेडिकल परीक्षण धारा 53ए सीआरपीसी के अनुसार अनिवार्य रूप से कराया जाए।.अनावरण हेतु शेष एसआर/लूट के अभियोगों का अनावरण, गिरफ्तारी हेतु शेष वांछित अभियुक्तों के विरुद्ध एन0बी0डब्लू/82/174ए भादवि व 83 सीआरपीसी की कार्यवाही, गुण्डा, गैगेस्टर, एच0एस0 खोलने की कार्यवाही, लाइसेन्स की शर्तों का पालन न करने पर शस्त्र लाइसेन्स के निलम्बन की कार्यवाही, आबकारी अधिनियम में चिन्हित अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।.IGRS प्रणाली में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए जनसमस्याओं को समय से निस्तारित करें। अच्छा कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत कराएं। छवि खराब करने वालों पर कार्यवाही विवेचनाओं में साक्ष्य के आधार पर निष्पक्ष कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।