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जब महीने में आती है शिवरात्रि तो साल में यह महाशिवरात्रि मनाई जाती है क्यों,देखे पूरी रिपोर्ट और जनपद में हुये कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट।

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आज यानी शनिवार को महाशिवरात्रि है यह साल भर में एक ही बार मनाई जाती है। फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस पर्व को शिव और पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। अब सवाल है कि शिवरात्रि हर महिने आती है तो यह महाशिवरात्रि साल में एक बार क्यों मनाई जाती है।?
आइये हम आप को जानकारी देते है।

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जब महीने में आती है शिवरात्रि तो साल में यह महाशिवरात्रि मनाई जाती है क्यों और देखे जनपद में हुये कार्यक्रम।


शिवरात्रि तो हर महीने में आती है लेकिन महाशिवरात्रि सालभर में एक बार आती है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार साल 2023 में यह पर्व 18 फरवरी शनिवार को है। महाशिवरात्रि का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिव और शक्ति की मिलन की रात है। आध्यात्मिक रूप से इसे प्रकृति और पुरुष के मिलन की रात के रूप में बताया जाता है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखकर अपने आराध्य का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिरों में जलाभिषेक का कार्यक्रम दिन भर चलता है। लेकिन क्या आपको पता है कि महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है, इसके पीछे की क्या घटना है।

आईये जानते है।

शिव पुराण की कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार सृष्टि में प्रकट हुए थे। शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में था। ऐसा शिवलिंग जिसका ना तो आदि था और न अंत। बताया जाता है कि शिवलिंग का पता लगाने के लिए ब्रह्माजी हंस के रूप में शिवलिंग के सबसे ऊपरी भाग को देखने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। वह शिवलिंग के सबसे ऊपरी भाग तक पहुंच ही नहीं पाए। दूसरी ओर भगवान विष्णु भी वराह का रूप लेकर शिवलिंग के आधार ढूंढ रहे थे लेकिन उन्हें भी आधार नहीं मिला।शिव पुराण की कथाओं के साथ और भी कहानियां मिलती है।

महाशिवरात्रि को पूरी रात शिवभक्त अपने आराध्य का ध्यान करते हुए जागरण करते हैं। शिवभक्त इस दिन शिवजी का विवाह उत्सव मनाते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि को शिवजी के साथ शक्ति स्वरूपा देवी पार्वती की शादी हुई थी। इसी दिन शिवजी ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। शिव जो वैरागी थी, वह गृहस्थ बन गए। ऐसा माना जाता है कि शिवरात्रि के 15 दिन पश्चात होली का त्योहार मनाने के पीछे यह एक कारण भी है।

महाशिवरात्री पर शिवालयों में जुटी भीड़

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*सुलतानपुर जनपद के पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा की अगुवाई में जनपद के समस्त सीओ, थाना अध्यक्ष अपने क्षेत्रो के शिव मंदिरो पर सुरक्षा व्यवस्था की ले रहे है जायजा।

जनपद के कस्बा इसौली में गोमती तट पर स्थित घंटेश्वर महामंडलेश्वर रामलीला मैदान परिसर में दर्शनार्थियों/ श्रद्धालुओं का मजमा लगा रहा।
बल्दीराय तहसील क्षेत्र के इसौली कस्बा में महाशिवरात्रि पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने की पूजापाठ।

वही महाशिवरात्रि के पर्व पर शहर के गभारिया स्थित जेल मोड़ तिराहे पर प्राचीन शिव मंदिर पर शिव पार्वती नृत्य को कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।

[ पुलिस अधीक्षक सुलतानपुर सोमेन बर्मा के निर्देश पर महाशिवरात्रि त्यौहार के दृष्टिगत जनपद के समस्त क्षेत्राधिकारीगण द्वारा अपने अपने थाना क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर सुरक्षा व शान्ति व्यवस्था पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है । समस्त थानो द्वारा अपने अपने थाना क्षेत्र में पडने वाले मंदिरो पर सुरक्षा एवं शान्ति व्यवस्था हेतु पर्याप्त पुलिस बल की डियुटी लगाई गयी है । ड्रोन कैमरों तथा सीसीटीवी की सहायता से मंदिर के आसपास एवं अंदर और बाहर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है । मंदिर के अंदर और बाहर आराजकतत्वो पर नजर रखने हेतु महिला व पुरुष पुलिसकर्मी की सादे वस्त्रों में भी डियुटी लगाई गयी है ।

स्वामी प्रसाद मौर्य और राजू दास की हाथापाई का देखे एक्सक्लुसिव वीडियो,सिर्फ के. डी न्यूज़ यूपी पर,देखे पूरी रिपोर्ट।

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