फिल्म आदिपुरुष को लेकर मचे विवाद पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने की तल्ख टिप्पणी,दिया जबरदस्त बयान।
क्या सेंसरबोर्ड धृतराष्ट्र बन गया है? जो राजनीतिक आकाओं के पैसों से, एजेंडेवाली मनमानी फिल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं,और उनकी फिल्मों को सेंसरबोर्ड का प्रमाणपत्र देने से पहले, उनके ‘राजनीतिक-चरित्र’ का भी प्रमाणपत्र देखना चाहिए।
फिल्म आदिपुरुष को लेकर मचे विवाद पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तल्ख टिप्पणी की है।उन्होंने एजेंडेवाली मनमानी फिल्में बनाने वालों को ट्वीट कर कहा कि सेंसरबोर्ड का प्रमाणपत्र देने से पहले, उनके ‘राजनीतिक-चरित्र’ का प्रमाणपत्र देखना चाहिए।
सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सेंसरबोर्ड पर सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर हो रही तीखी आलोचना पर फिल्म आदिपुरुष को लेकर कहा कि क्या सेंसरबोर्ड धृतराष्ट्र बन गया है? जो राजनीतिक आकाओं के पैसों से, एजेंडेवाली मनमानी फिल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं,और उनकी फिल्मों को सेंसरबोर्ड का प्रमाणपत्र देने से पहले, उनके ‘राजनीतिक-चरित्र’ का भी प्रमाणपत्र देखना चाहिए।
अखिलेश यादव ट्वटिर के सहारे लगातार केंद्र व राज्य सरकार पर लू के कारण हो रही मौतों पर भी सरकार को घेरा है। और अन्य मामलों को लेकर हमलावर रहते हैं।
अखिलेश ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि लोन लेकर जानबूझकर बैंकों को धोखा देनेवालों के लिए बैंकों से इन फरेबियों से समझौता करवा रही है।और फरेबियों के लिए भाजपा सरकार कारपेट बिछा रही है।,आम जनता की बीमारी,किसान के कर्ज या पढ़ाई, घर के कर्ज की वसूली के लिए तो सरकार बैंकों से क्या-क्या उत्पीड़न करवाती है तो फिर धोखेबाज़ों पर कृपा क्यों? यह सवाल अखिलेश यादव ने ट्विटर के माध्यम से किया है।
वही जानकारी मिल रही है कि आदिपुरुष पर अयोध्या के संतों ने भी नाराजगी जताई है। संतों ने जनता से फिल्म न देखने की अपील भी की है।