शनिवार को हुआ के. एन. आई. टी. सुलतानपुर के सांस्कृतिक वार्षिकोत्सव – ‘अनुभूति-2024’ का आरंभ।
शनिवार को हुआ के. एन. आई. टी. सुलतानपुर के सांस्कृतिक वार्षिकोत्सव – ‘अनुभूति-2024’ का आरंभ।
कार्यक्रम का शुभारंभ डाॅ जे पी पांडे कुलपति ए के टी यू लखनऊ, डाॅ डी एस चैहान प्रथम कुलपति तत्कालीन यू पी टी यू एवं पूर्व निदेशक के एन आई टी सुलतानपुर व संस्थान के निदेशक डाॅ० राजीव कुमार उपाध्याय के कर कमलों द्वारा हुआ, जहाँ संस्थान के समस्त अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष एवं संकाय सदस्य उपस्थित रहे। के. एन. आई. टी. की परंपराओं का अनुसरण करते हुए पहले दीप-प्रज्वलन और माँ सरस्वती व गणेश जी की वंदना की गई, तदोपरांत प्रांगण में निदेशक ने समस्त छात्रों को अपने आशिर्वचनों से संबोधित किया। इसी कार्यक्रम में जनरल मैनेजर बी. ओ. बी. ने शिक्षा और खेल के क्षेत्र में उत्कर्ष प्रदर्शन करने वाले प्रियांशु श्रीवास्तव(शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्तम), आलोक कुमार सिंह (खेल में सर्वोपरि) व मयंक केसरवानी (ऑल राउंडर) को 31,000 का चेक देकर पुरस्कृत किया|
अनुभूति के प्रथम दिवस के कार्यक्रमों का आरंभ छात्र-छात्राओं के शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति से हुआ; जिसके पश्चात सभी प्रतियोगिताओं का सिलसिला शुरू हुआ।
संस्थान के तीन प्रमुख छात्र परिषदों – सांस्कृतिक परिषद, साहित्यिक परिषद और फोटोग्राफी ऐंड फाईन आर्ट्स क्लब द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिनका संक्षिप्त विवरण कुछ इस प्रकार है।
सांस्कृतिक परिषद द्वारा अयोजित की गई प्रतियोगिताओं में सम्मिलित हैं विभिन्न विधाओं के गायन, नृत्य और नाटक। अपने कौशल का प्रर्दशन करने हेतु छात्रों ने एकल गायन (वोकल वर्चुओसो) और युगल गायन ( कारवां ) से मंच को जीवंत किया। वहाँ उपस्थित श्रोता और अतिथिगण गायकों की मधुर आवाज़ में झूम उठे।
फोटोग्राफी एंड फाइन आर्ट्स क्लब द्वारा प्रथम दिवस में तीन प्रतियोगिताएं कराई गई जिनमें प्रमुख है पॉप आर्ट – इस कला की विशेषता यह है की इसमें बोल्ड रूपरेखा और लोकप्रिय संस्कृति, जैसे विज्ञापन, कॉमिक स्ट्रिप्स और मशहूर हस्तियों से ली गई छवियाँ शामिल होती हैं।
साहित्यिक परिषद की ओर से भी कई रोमांचक प्रतियोगियाएँ आयोजित की गईं, जैसे वाद विवाद(असमंजस) जिसमें प्रतिभागियों ने विभिन्न दलों में विभाजित होकर गंभीर विषयों पर चर्चा की और दर्शकों के समक्ष राजनीति, शिक्षा, समाज आदि विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।
कविता पाठन (काव्य मंजरी) के सुरम्य आयोजन में हिंदी कविता के माध्यम से अंत: भावनाओं को व्यक्त किया गया।
इसके पश्चात, फोन कवर आर्ट जिसमें प्रतिभागियों ने फोन के कवर पर रंगो और ब्रश का प्रयोग कर अपनी कलात्मकता का प्रदर्शन किया।
बैतबाज़ी एक हिंदी-उर्दू प्रतियोगिता है, शेर-ओ-शायरी में रुचि रखने वाले छात्र और तमाम दर्शकों ने इस प्रतियोगिता का भरपूर आनंद लिया।
इसी तरह वॉट् इफ, खुद की खोज और नो योर शेल्व्स नामक प्रतियागिताएँ भी अयोजित की गईं।
वहीं नाटक में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने मंच पर अपने उत्कृष्ट अभिनय का प्रर्दशन करके समस्त दर्शकों को रोमांचित किया। एकल नाटक (अद्वितीय) और मंच नाटक(थिएट्रिकल टेम्पेस्ट) इन दो प्रतिस्पर्धाओं में भाँति-भाँति के विषयों और दृश्यों का मंचन किया गया।
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एकल नृत्य (फ्लैमेंको) और युगल नृत्य (डुएट्इनों) के प्रतिभागियों ने पाश्चात्य से लेकर लोक-नृत्य तक कई प्रकार के नृत्यों का दर्शकों के समक्ष प्रतिभापूर्वक प्रदर्शन किया।
स्टैंड-अप कॉमेडी (गिगल गाला) एक हास्य कार्यक्रम है जिसमें कलाकार मंच पर खड़े होकर त्वरित-बुद्धि के सहारे दर्शकों का मनोरंजन करता है। साथ ही साथ फोटोग्राफी एंड फाइन आर्ट्स क्लब के तीसरे कार्यक्रम डूडल आर्ट का आयोजन हुआ। यह एक प्रकार की चित्रकला है जिनमे सरल आकृतियों और रेखाओं का प्रयोग कर कुछ दर्शाने अथवा अभिव्यक्त करने का प्रयास किया जाता है ।
इसके पश्च्यात आज का मुख्य आयोजन कवि सम्मेलन रहा जिसकी औपचारिक शुरुआत करते हुए डाॅ आर. के. उपाध्याय व ए के टी यू के कुलपति, डाॅ जे पी पांडे ने भी अपने आशिर्वचनों से हमें प्रेरित किया| इसी क्रम में कवि सम्मेलन की अध्यक्षता हमारे विशिष्ट अतिथि प्रो. डाॅ दुर्ग सिंह चैहान, प्रथम कुलपति तत्कालीन यू पी टी यू द्बारा की गई | तत्पश्चात कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओ से सम-सामयिक विषयों पर चुटीले अंदाज में हास्य व्यंग्य करते हुए श्रोताओ को मन्त्रमुग्ध कर दिया|
26 अप्रैल तक बीएलओ वोटर बनाने के लिए भरवाएं फार्म 6 – अपर आयुक्त अयोध्या।