भारत में इंश्योरेंस अपडेट: Bima Sugam लॉन्च, प्रीमियम में वृद्धि ,स्वास्थ्य बीमा।

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📰 ताज़ा इंश्योरेंस अपडेट्स भारत से

  1. IRDAI ने लॉन्च किया Bima Sugam
    IRDAI एक ऐसी डिजिटल मार्केटप्लेस ‘Bima Sugam’ लॉन्च करने वाला है जहाँ जीवन, स्वास्थ्य और सामान्य बीमा पॉलिसी खरीदना, तुलना करना, प्रीमियम पेमेंट, क्लेम की प्रक्रिया आदि एक ही जगह से हो सकेंगे। यह प्लेटफ़ॉर्म दिसंबर 2025 से लाइव होने की उम्मीद है।
  2. GST दरों में बदलाव: जीवन व स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 0% GST
    22 सितंबर 2025 से, जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर लागू होने वाली GST दर को घटाकर 0% कर दिया गया है, पहले यह 18% थी। इससे पॉलिसीधारकों की लागत कम होगी और बीमा विकल्प अधिक सुलभ होंगे।
  3. इंश्योरेंस कंपनियों पर कमीशन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) नहीं लगेगा
    स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए, प्रीमियम कमीशन और ब्रोकर फीस पर अब इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं दिया जाएगा; कंपनियों को यह लागत खुद वहन करनी होगी।
  4. Non-life इंश्योरेंस प्रीमियम में वृद्धि
    जून 2025 में गैर-जीवन (non-life) इंश्योरेंस प्रीमियम में वर्ष-बर्ष लगभग 5.2% की वृद्धि हुई है।
    FY25 में कुल non-life प्रीमियम ~₹3.07 लाख करोड़ हो गया है, जिसमें स्वास्थ्य बीमा (health insurance) से ~15.99% की वृद्धि देखी गई।
  5. लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम मुहैया करने में वृद्धि
    वित्त वर्ष 2024-25 में जीवन बीमा (life insurance) में new business premium mobilisation लगभग 5.13% बढ़ा है, जिसमें व्यक्तिगत (individual) नई पॉलिसियों में ~11.17% की वृद्धि हुई है।
  6. स्वास्थ्य बीमा में वृद्धि धीमी हुई, चुनौतियाँ
    स्वास्थ्य बीमा का ग्रोथ रेट गिर कर ~8.98% रह गया है, जबकि पिछले वर्ष यह ~20.25% था। महंगाई, प्रीमियम बढ़ने और क्लेम रिजेक्शन की बढ़ी आशंका इसके मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।

🔍 विश्लेषण: ये बदलाव क्यों महत्वपूर्ण हैं

GST में कमी और 0% करने से जीवन/स्वास्थ्य पॉलिसियाँ सस्ती होंगी, जिससे बीमा कवरेज बढ़ने की संभावना है।

Bima Sugam जैसे प्लेटफ़ॉर्म से डिजिटल पहुँच बेहतर होगी; लोग आसानी से तुलना कर सकेंगे और निर्णय ले सकेंगे।

Non-life प्रीमियम की वृद्धि और स्वास्थ्य बीमा में धीमी वृद्धि यह संकेत है कि लोग खर्चों को लेकर सतर्क हो रहे हैं; प्रीमियम के बोझ और क्लेम प्रोसैसिंग पर विश्वास महत्वपूर्ण होगा।

कम-कमीशन और ITC न होने की नीति से इंश्योरेंस कंपनियों की लागत बढ़ेगी, संभव है कि पॉलिसी-प्रीमियम पर असर पड़े।

इंश्योरेंस सेक्टर की वृद्धि दर, जीवन और गैर-जीवन दोनों में, भारत को G20 देशों में अग्रिम पंक्तियों में ला सकती है यदि रेगुलेटरी सुधार और ग्राहक विश्वास बना रहा।

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