इंश्योरेंस अपडेट- नई पॉलिसी, प्रीमियम दरों में बदलाव और डिजिटल बदलाव
📰 इन्स्योरेंस अपडेट्स
- जीवन इंश्योरेंस प्रीमियम की स्थिति (Life Insurance Premiums / NBP)
FY25 में जीवन बीमा कंपनियों के New Business Premiums (NBP) में लगभग 5% की वृद्धि हुई है।
लेकिन ULIP (Unit Linked Insurance Plans) की मांग धीमी रही है, और नए नियमों जैसे surrender value के बदलाव से भी प्रभाव पड़ा है।
LIC ने FY25 में नए प्रीमियम संग्रह (new business premium mobilisation) में बढ़ोतरी देखी, जिसमें हर ग्राहक पहली बार जीवन सुरक्षा लेने की प्रवृत्ति बढ़ी है।
- नॉन-लाइफ इंश्योरेंस (General / Non-Life Insurance) की ग्रोथ
FY25 में गैर-जीवन इन्स्योरेंस का कुल प्रीमियम लगभग ₹3.07 लाख करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष के लगभग ₹2.89 लाख करोड़ के मुकाबले बढ़ा है।
जून 2025 में गैर-जीवन प्रीमियमों में वार्षिक वृद्धि 5.2% दर्ज हुई, जो कि जून 2024 की वृद्धि (8.4%) से कम है।
स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) सेगमेंट की वृद्धि धीमी हुई है, प्रीमियम बढ़ने और आर्थिक भार के कारण ग्राहकों की क्षमताओं पर असर पड़ा है।
- नियम और नीतियाँ (Regulatory / Policy Changes)
बजट 2025-26 में सरकार ने घोषणा की कि इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी जाएगी बशर्ते कि प्रीमियम का निवेश भारत में हो।
अनुमान है कि आम बीमा (general insurance) प्रीमियम आय FY2026 में लगभग 8.7% की वृद्धि करेगा और FY2027 में ~10.9% की वृद्धि की संभावना है।
- उत्पाद और बाजार की प्रवृत्तियाँ (Product / Market Trends)
हेल्थ बीमा में प्रीमियम कवरेज बढ़ाने की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन मार्मिक स्थिति यह है कि मेडिकल इंफ्लेशन और खर्चों में वृद्धि से कुछ ग्राहक क्षमतानुसार प्रीमियम कम चुनने लगे हैं।
गैर-लाइफ बीमा में “renewals” (पुनर्नवीनीकरण प्रीमियम) और commercial lines (व्यावसायिक पॉलिसियाँ) का योगदान बढ़ा है।
डिजिटलीकरण (digital adoption), insurtech, और बढ़ती मध्य-वर्ग की जागरूकता ने प्रीमियम संग्रह और उत्पाद वितरण में सहायक भूमिका निभाई है।
- चुनौतियाँ और जोखिम (Challenges / Risks)
प्रीमियम ग्राहकों पर आर्थिक दबाव: महँगाई (inflation), चिकित्सा खर्चों की वृद्धि से हेल्थ इन्स्योरेंस प्रीमियम अधिक हो गए है।
ग्राहक शिकायतें बढ़ीं हैं। उदाहरण के लिए “Insurance Samadhan” प्लेटफ़ॉर्म पर Q2 2025 में शिकायतों में लगभग 45% की वृद्धि हुई, मुख्य रूप से स्वास्थ्य पॉलिसियों से जुड़ी शिकायतों ने बढ़त ली है।
ULIP उत्पादों के प्रति धारणा और मांग में गिरावट, क्योंकि लोग अधिक पारदर्शिता, कम खर्च और बेहतर रिटर्न वाले विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
💡 इनसे आपके लिए क्या सीख और सावधानी हो सकती है
यदि आप बीमा पॉलिसियाँ ले रहे हैं या लेने का सोच रहे हैं, तो स्वास्थ्य पॉलिसियों के प्रीमियम और कवरेज की शर्तें ध्यान से देखें, चिकित्सा-महंगाई और आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च (reimbursement delay etc.) को समझें।
ULIP या निवेश-बद्ध बीमा (investment-linked) खरीदने से पहले ये जानें कि किस तरह के निवेश हिस्से हैं, उसमें लागत कितनी है, और रिटर्न की अपेक्षाएँ क्या हैं।
बीमा पॉलिसियों की समीक्षा समय-समय पर करें, विशेषकर यदि आपकी ज़रूरतें बदल रही हों (उम्र, स्वास्थ्य स्थिति आदि) और देखें कि नई पॉलिसियाँ बेहतर हो रही हों।
शिकायत और ग्राहक सेवा व्यवहार का अनुभव देखें; बीमा कंपनी की विश्वसनीयता, क्लेम सेटलमेंट रिकॉर्ड और नेटवर्क अस्पतालों की स्थिति महत्वपूर्ण है।
निजी बीमा कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्रों (public sector) के बीच तुलना करें; निजी विकल्पों में अक्सर सेवा और डिज़ाइन अधिक उदार हो सकते हैं, लेकिन मूल्य और कवरेज की शर्तें बदल-बदल कर हो सकती हैं।
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