फाइनेंस न्यूज़: भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत राह पर, निवेश पर फोकस
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- भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूती, पर सतर्कता जरूरी
वित्त मंत्री नर्मला सीतारमन ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है। सरकार ने पूंजीगत खर्च बढ़ाने और लक्षित निवेश को प्रोत्साहित करने का प्रण किया है।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि “हठधर्मिता” न हो — अर्थव्यवस्था को असहज अंतर्राष्ट्रीय हवाओं से बचाने के लिए सतर्कता आवश्यक है। - GIFT सिटी में रीयल-टाइम एफएक्स सेटलमेंट की तैयारी
भारत का GIFT (Gujarat International Finance Tech) सिटी और RBI मिलकर एक योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे देशी बैंकों द्वारा विदेशी मुद्रा लेन-देह “रीयल-टाइम” में निपटाई जा सकेगी।
इससे विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और विदेशी मुद्रा लेन-देह की लागत एवं अवधि कम होगी। - RBI का बोर्ड रीस्ट्रक्चर / विभागीय पुनर्विन्यास
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी चार उप-गवर्नर पोस्टों के बीच विभागीय जिम्मेदारियों का पुनर्वितरण किया है।
शिरीष मुर्मू को महत्त्वपूर्ण विभागों की कमान सौंपी गई है, यह कदम केंद्रीय बैंक के संचालन की दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से है। - मौद्रिक संकेत — मुद्रास्फीति, उधार एवं बांड उपज
“Dun & Bradstreet” की अर्थव्यवस्था रिपोर्ट के अनुसार:
अगस्त 2025 में भारत की उद्योग उत्पादन (IIP) 4.0% रही।
मुद्रास्फीति (CPI) अगस्त में 2.1% तक बढ़ी, जबकि कोर मुद्रास्फीति 4.2% रही।
अनुमान है कि सितंबर में मुद्रास्फीति 1.8% तक नीचे आ सकती है।
10 साल के सरकारी बांड (G-Sec) की उपज लगभग 6.6% रहने की संभावना है।
बैंक क्रेडिट वृद्धि दर लगभग 9.7% अनुमानित है।
- राज्य स्तर: उत्तर प्रदेश की आर्थिक उपलब्धियाँ
यूपी के वित्त मंत्री ने कहा कि 2017 से 2025 के बीच राज्य का GDP 141% बढ़ चुका है — ₹12.71 लाख करोड़ से बढ़कर ₹30.77 लाख करोड़ हुआ।
इसके तहत कृषि पर निर्भरता घटाने और विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र पर जोर देने की नीति अपनाई जा रही है।
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भारत की अर्थव्यवस्था: संतुलन पर बढ़ता भरोसा
देश की अर्थव्यवस्था फिलहाल चुनौती और अवसर दोनों के बीच संतुलन बनाये हुए है। वित्त मंत्री नर्मला सीतारमन ने स्पष्ट किया कि सरकार निवेश और पूंजीगत व्यय बढ़ाकर विकास को और मजबूत करेगी।
GIFT सिटी में रीयल-टाइम विदेशी मुद्रा निपटान जैसे आधुनिक कदम यह संकेत देते हैं कि भारत वैश्विक वित्तीय प्रतिस्पर्धा में कदम जमा रहा है। साथ ही, RBI के बोर्ड स्तर पर हुए पुनर्गठन से यह उम्मीद है कि नीति निर्माण और नियामक कार्रवाई सुचारू व सटीक होंगी।
मौद्रिक और आर्थिक संकेतकों की समीक्षा करें तो मुद्रास्फीति अभी नियंत्रित है, उद्योग उत्पादन बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, और बैंकिंग क्रेडिट विस्तार बना हुआ है। यह संकेत देते हैं कि आर्थिक आधार अपेक्षाकृत मजबूत है।
राज्य स्तर पर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रदेशों का तेजी से बढ़ता GDP और निवेश आकर्षण यह बताता है कि विकास की गति विकेंद्रीकृत भी हो रही है।
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