एक ही व्रत रखने का फरमान! सुल्तानपुर बीईओ के आदेश से शिक्षिकाओं में रोष
📰 जियुतिया या अहोई — एक ही व्रत रखने का फरमान! सुल्तानपुर में बीईओ के आदेश से शिक्षिकाओं में रोष
✍️ KD News Dijital /Awadhi tak | सुल्तानपुर ब्रेकिंग | 13 अक्टूबर 2025
सुल्तानपुर। योगी सरकार में बेसिक शिक्षा विभाग का एक विवादित आदेश चर्चा में आ गया है। जिले के दूबेपुर ब्लॉक के खंड शिक्षाधिकारी (BEO) द्वारा जारी एक पत्र ने शिक्षिकाओं और शिक्षक संगठनों में जबरदस्त नाराज़गी पैदा कर दी है।
बीईओ के पत्र में निर्देश दिया गया है कि शिक्षिकाएं जियुतिया और अहोई अष्टमी में से सिर्फ़ एक ही पर्व पर व्रत रखें, क्योंकि विभागीय नियमों के अनुसार दोनों अवसरों पर अवकाश नहीं दिया जाएगा।
पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी शिक्षिका ने दोनों पर्वों पर अवकाश लिया तो विभागीय कार्रवाई की जिम्मेदारी उसी शिक्षिका की होगी।
यह पत्र जैसे ही शनिवार शाम सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पूरे जिले में हलचल मच गई।
🔥 शिक्षिकाओं और शिक्षक संघों में रोष
वायरल आदेश को लेकर शिक्षिकाओं ने इसे “धार्मिक आस्था में हस्तक्षेप” बताया है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यह आदेश महिलाओं की आस्था और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
संघ के एक पदाधिकारी ने कहा —
“यह बेहद असंवेदनशील आदेश है। जियुतिया और अहोई दोनों ही मातृ शक्ति के लिए संतान की दीर्घायु का प्रतीक पर्व हैं। विभाग को किसी की आस्था तय करने का अधिकार नहीं है।”
संघ ने मांग की है कि बीईओ इस पत्र को तत्काल वापस लें, अन्यथा आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे।
🧭 धार्मिक पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि जियुतिया और अहोई अष्टमी हिंदू महिलाओं के प्रमुख व्रत पर्व हैं।
जियुतिया व्रत पिछले सप्ताह मनाया जा चुका है, जिसमें माताएं अपने पुत्र की दीर्घायु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं।
वहीं अहोई अष्टमी सोमवार को पड़ रही है, जिसे पुत्रवत्सला माताएं संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं।
इन दोनों पर्वों का महिलाओं की भावनाओं और परंपराओं से गहरा जुड़ाव है।
🏛️ विभागीय पक्ष
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बीईओ ने यह आदेश विभागीय अवकाश नियमों के अनुपालन के आधार पर जारी किया है।
हालांकि, प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, पत्र की भाषा और समय दोनों ही “असंवेदनशील” माने जा रहे हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से इस बाबत संपर्क करने की कोशिश की गई, परंतु उनका आधिकारिक बयान फिलहाल सामने नहीं आया है।
📣 जन-प्रतिक्रिया और संभावित असर
सोशल मीडिया पर शिक्षिकाओं के समर्थन में लगातार पोस्टें साझा की जा रही हैं।
लोगों का कहना है कि जब सरकार “नारी शक्ति सम्मान” की बात करती है, तो ऐसे आदेश उस सोच के विपरीत हैं।
कई शिक्षिकाओं ने यह भी कहा कि वे धार्मिक आस्था के मामले में किसी भी दबाव को स्वीकार नहीं करेंगी।
🧩 निष्कर्ष
बीईओ का यह विवादित पत्र अब केवल एक प्रशासनिक मसला नहीं रहा, बल्कि धर्म, आस्था और प्रशासनिक विवेक के टकराव का प्रतीक बन गया है।
देखना यह होगा कि बेसिक शिक्षा विभाग इस विवाद को कैसे सुलझाता है — क्या आदेश वापस लिया जाएगा या विभाग अपने रुख पर कायम रहेगा।
#SultanpurNews
BreakingNews
BEOControversy
BasicShikshaVibhag
TeacherNews
UPNews
YogiSarkar
JiyutiyaVrat
AhoiAshtami
ShikshikaVivad
MahilaShakti
ReligiousFreedom
EducationDepartment
TeacherUnion
KDNews Dijital
SultanpurUpdate
UPBreaking
HinduFestival
BEOOrder
VratParVivad
अनी बुलियन ठगी कांड: करोड़ों लूटने वाले आरोपी को नहीं मिली बेल!
Comments are closed.