भारत में इंश्योरेंस सेक्टर अपडेट 2025: नियम-परिवर्तन, प्रीमियम वृद्धि व FDI संभावना
📰 इंश्योरेंस सेक्टर अपडेट – भारत (अक्टूबर 2025)
प्रमुख बिंदु
Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI) ने 2025 में कई नए नियम-विनियमन जारी किए हैं, जिनमें «रेग्युलेटरी सैंडबॉक्स» का विस्तार, कॉर्पोरेट-गवर्नेंस सुधार और डेटा-सुरक्षा प्रावधान शामिल हैं।
गैर-जीवन (General Insurance) प्रीमियम जून 2025 में 5.2 % वर्ष-वर्य़ वृद्धि दर्ज की गई — हालांकि यह 2024 के इसी महीने की 8.4 % वृद्धि से कम है।
सरकार ने सुधार प्रस्तावित किए हैं जिसमें हाल-ही में यह बात सामने आई है कि इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा 74 % से 100 % तक बढ़ाने का प्रयास हो रहा है।
व्यक्तिगत जीवन एवं स्वास्थ्य इंश्योरेंस उत्पादों को जीएसटी छूट मिल गई है, जिसके परिणामस्वरूप इंश्योरेंस कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पूर्व में प्राप्त राशि को वापस करना होगा — जिससे कंपनियों पर लागत बढ़ने की आशंका है।
उदाहरण के लिए, Life Insurance Corporation of India (LIC) ने नई योजनाएँ लॉन्च की हैं – “Jan Suraksha Plan (880)” और “Bima Lakshmi Plan (881)” — विशेषतः निम्न-आय समूह और महिलाओं के लिए।
इस अपडेट का मतलब क्या है?
इंश्योरेंस कंपनियों को तेजी से नए नियमों, डिजिटल प्लेटफॉर्म और निवेश संभावनाओं के अनुरूप बदलना होगा।
वृद्धि में कमी का मतलब है कि सेक्टर-चक्र (sector cycle) में चुनौतियाँ भी हैं — जैसे मोटर, स्वास्थ्य बीमा में वृद्धि धीमी पड़ सकती है।
यदि FDI सीमा में बदलाव हुआ, तो विदेशी पूँजी, प्रतिस्पर्धा और उत्पाद नवाचार बढ़ सकते हैं — ग्राहक-स्तर पर विकल्प बढ़ेंगे।
टैक्स एवं लागत-प्रभावी नियम-परिवर्तन का असर अंततः प्रीमियम, कंपनियों की मार्जिन तथा पॉलिसी-धारकों पर पड़ सकता है।
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