“बिहार का रण 2025: वादों का मौसम या भरोसे की फसल?”
“बिहार का रण 2025: वादों का मौसम या भरोसे की फसल?”
बिहार में चुनावी रणभेरी बज चुकी है!
महागठबंधन का “तेजस्वी प्रण” बनाम भाजपा का “सुशासन” — इस बार मुद्दा है रोजगार, भरोसा और बदलाव।
क्या बिहार सच में बदलने जा रहा है या फिर इतिहास खुद को दोहराएगा?
पूरी कहानी, शेर-ओ-शायरी के अंदाज़ में!
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