भारत में इंश्योरेंस सेक्टर की हलचल: नए प्लान्स, क्लेम शिकायतें और मौसम
इंश्योरेंस अपडेट: अक्टूबर 2025
प्रमुख बिंदु
Life Insurance Corporation of India (LIC) ने दो नए प्लान लॉन्च किए हैं — “Jan Suraksha Plan (880)” और “Bima Lakshmi Plan (881)”. Jan Suraksha मुख्यतः निम्न-आय समूह के लिए है, जबकि Bima Lakshmi महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है।
ICICI Prudential Life Insurance Company ने तिमाही लाभ में 19% की वृद्धि दर्ज की है; इसके पीछे पारंपरिक (non-market-linked) उत्पादों में बढ़ोतरी और परिचालन खर्चों में कमी है।
बीमा उपभोक्ता शिकायतों में तेज-उछाल: भारत में 2025 की दूसरी तिमाही में शिकायतें करीब 45% बढ़ी।
भारत में सरकार द्वारा एक राष्ट्रिय मौसम-लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम पर प्रारंभिक चर्चा चल रही है — जिसमें विशेष मौसम-घटना (उदाहरण: हीटवेव, बाढ़) के लिए पूर्व-निर्धारित भुगतान मॉडल (parametric insurance) अपनाया जाएगा।
Bajaj Finserv ने अपने इंश्योरेंस व्यवसायों को रीब्रांड किया है — अब “100% Bajaj. Made in India…” टैगलाइन के साथ, क्योंकि कंपनी ने Allianz SE का 26% हिस्सा खरीदा है और पूर्ण स्वामित्व की ओर बढ़ रही है।
मध्य-उत्पाद की मांग (non-life, health, term insurance) में बदलाव देखने को मिल रहा है — उदाहरण के लिए, हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस में जीएसटी राहत के बाद तेजी आई है।
विश्लेषण और सुझाव
नए प्लान्स (LIC द्वारा) दिखाते हैं कि बीमा कंपनियाँ अब निम्न-आय समूह तथा महिला‐उपभोक्ता पर खास ध्यान दे रही हैं — यह सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।
पारंपरिक जीवन बीमा उत्पादों की ओर मूवमेंट यह संकेत देता है कि कंपनियाँ उच्च मार्जिन वाले और कम जोखिम वाले विकल्पों की ओर जा रही हैं — निवेशकों को यह देखना होगा कि उत्पाद का किस प्रकार का जोखिम प्रोफाइल है।
शिकायतों में इतनी वृद्धि यह चेतावनी है कि बीमा लेने वाले को नीति की शर्तें, क्लेम प्रक्रिया, छुपी शर्तें अच्छी तरह समझनी चाहिए।
मौसम-लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम अगर लागू हुई, तो यह कृषि, छोटे व्यवसाय, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है — इस दिशा में जागरूक रहना लाभदायक होगा।
रीब्रांडिंग और स्वामित्व में बदलाव यह दिखाते हैं कि बीमा-बाजार में संघटनात्मक परिवर्तन आ रहे हैं — इसलिए ग्राहक को कंपनी के बैक-अप, वित्तीय स्वास्थ्य व लॉन्ग-टर्म विज़न पर ध्यान देना होगा।
जीएसटी में राहत व टैक्स बदलाव ने बीमा-उपभोक्ता के लिए अवसर बढ़ाए हैं — लेकिन कंपनियों के मार्जिन पर दबाव भी है, इसलिए उत्पादों की लागत-लाभ समीक्षा करना जरूरी हो गया है।
#InsuranceUpdate #IndiaInsurance #LIC #ClimateInsurance #InsuranceComplaints #Rebranding #InsuranceNewsIndia #October2025 #FinancialProtection #RiskMitigation
भारत में निवेश की नई लहर: FIIs की वापसी, गूगल का बड़ा निवेश, सोने की रफ्तार
Comments are closed.