12 साल से कागजों में चल रहा फर्जी BTC कॉलेज, बांटी गई डिग्रियां, जांच शुरू

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सुल्तानपुर।
धनपतगंज विकासखंड के कोरों गांव में स्थित उषा सिंह शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान पिछले 12 वर्षों से सिर्फ विभागीय पत्रावली में संचालित हो रहा था, लेकिन जमीन पर इसका कोई अस्तित्व नहीं है। अब तक इस फर्जी संस्थान से प्रत्येक वर्ष लगभग 50 विद्यार्थियों को डिग्री दी जाती रही, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह मामला करोड़ों रुपये के शैक्षिक फर्जीवाड़े से जुड़ा हुआ है।

इस संस्था की शुरुआत वर्ष 2012-13 में शासन की अनुमति के साथ दर्ज की गई थी। विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार, संस्था की नींव धनपतगंज के कोरों गांव में रखी गई थी। हैरानी की बात यह है कि तत्कालीन अधिकारियों ने संस्था के काल्पनिक भवन की फोटो बनाई और खुद उसकी पृष्ठभूमि में खड़े होकर तस्वीरें भी खिंचवाईं, ताकि सब कुछ वैध लगे।

बाद में, 2017 में यह संस्था कागजों में मझवारा स्थानांतरित कर दी गई, लेकिन वहां भी इसका कोई वास्तविक संचालन नहीं मिला। बावजूद इसके, संस्थान से हर साल डिग्रियां जारी होती रहीं।

जिलाधिकारी कुमार हर्ष को जब इस घोटाले की जानकारी हुई, तो उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दिए। जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय टीम का नेतृत्व उप निदेशक कृषि राम आसरे ने किया। टीम जब मौके पर पहुंची तो स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने आज तक ऐसा कोई कॉलेज वहां नहीं देखा।

जांच पूरी होने के बाद डीडी कृषि राम आसरे ने बताया,

“संस्थान का नाम पत्रावली में जरूर है, लेकिन मौके पर उसका कोई अस्तित्व नहीं मिला।”

टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। अब इस मामले में कई अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है और बड़े स्तर पर जांच की संभावनाएं बन रही हैं।


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“सुल्तानपुर ब्रेकिंग: बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर महंत धीरेंद्र शास्त्री का अमहट में स्वागत”

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