“गिर-गिर कर जो सीख रहा हूं, आनन्द है इसमें जीने का” प्रेरणादायक चंद सार्थक लाइनों के…
सुलतानपुर । " मेरा तो कुछ और नहीं सिर्फ बल है मेरे सीने का, गिर-गिर कर जो सीख रहा हूं आनन्द है इसमें जीने का । हंस कर लहू पोंछता हूं ,हर बार यही सोचता हूं ,अगर गिरूं तो!-->…
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