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सुलतानपुर-डीएम कृतिका ज्योत्स्ना द्वारा फतेहपुर संगत के ग्राम प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार पर लगाई रोक।

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डीएम ने फतेहपुर संगत के ग्राम प्रधान के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार पर लगाई रोक

डीपीआरओ ने तत्कालीन पंचायत सचिव के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस किया जारी

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दो जांच अधिकारी नामित, एडीओ पंचायत को सदस्यों की सूची जल्द भेजने के दिये निर्देश

16 लाख के वित्तीय अनियमितता पर हुई कार्रवाई

सुलतानपुर: डीएम कृतिका ज्योत्स्ना ने शिकायतकर्ता सुरेश कुमार पुत्र परशुराम, ओम प्रकाश सिंह पुत्र स्वo सूर्य नारायण सिंह व अन्य निवासी ग्राम पंचायत फतेहपुरसंगत, विकासखण्ड जयसिहपुर जनपद सुलतानपुर द्वारा ग्राम पंचायत फतेहपुरसंगत में कराये गये विकास कार्यों में अनियमितता किये जाने के सम्बन्ध में शपथपत्रयुक्त शिकायतीपत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसकी जांच हेतु आदेश जिला पंचायतराज अधिकारी अभिषेक शुक्ल को जांच अधिकारी नामित किया गया था। जिला पंचायतराज अधिकारी, सुलतानपुर द्वारा उक्त शिकायती प्रकरण की जांच करते हुए जांच आख्या डीएम को सौंपी, जिसका अवलोकन / परीक्षण किये जाने के उपरान्त शासकीय धनराशि का दुरूपयोग / वित्तीय अनियमितता किये जाने की प्रथमदृष्टया पुष्टि होने पर नीलम देवी, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत फतेहपुरसंगत, विकासखण्ड जयसिंहपुर, जनपद सुलतानपुर को उत्तर प्रदेश पंचायतराज अधिनियम 1947 की धारा 95 (1) (छ) में दिये गये प्राविधानों के अन्तर्गत पत्रसंख्या 3210 दिनांक 30.08.2023 द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इसी प्रकार प्रकरण में उत्तरदायी पायी गयी श्रीमती संगीता पाल, तत्कालीन पंचायत सचिव / ग्रा०प०अ० ग्राम पंचायत फतेहपुरसंगत, विकासखण्ड जयसिंहपुर, जनपद सुलतानपुर को जिला पंचायतराज अधिकारी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। निर्गत कारण बताओ नोटिस के सम्बन्ध में श्रीमती नीलम देवी, ग्राम प्रधान एवं श्रीमती संगीता पाल, तत्कालीन पंचायत सचिव / ग्रा०प०अ०, ग्राम पंचायत फतेहपुरसंगत, विकासखण्ड जयसिंहपुर, जनपद सुलतानपुर द्वारा अपना पृथक-पृथक स्पष्टीकरण/ उत्तर प्रस्तुत किया गया है। जिसका अवलोकन / परीक्षण करके जांच अधिकारी द्वारा नियम 7 (घ) उत्तर प्रदेश पंचायतराज ( प्रधानों, उप प्रधानों और सदस्यों का हटाया जाना) जांच नियमावली 1997 के अन्तर्गत मन्तव्य, कारण सहित निष्कर्ष दिया गया जो संतोष जनक नहीं पाया गया। उक्त प्रकरण में इण्डिया मार्का 2 हैण्डपम्प संदर्भित कार्य ग्राम पंचायत की वार्षिक ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव री-बोर कार्य : उक्त कार्य की कार्ययोजना वर्ष 2022-23 के आधार पर द्वारा प्रस्तुत किये गये पत्रावली में रि-बोर कराये गये ग्रामवासियों व अन्य जनमानस को स्वच्छ स्पष्टीकरण / उत्तर के साथ हैण्डपम्पों की सूची संलग्न नहीं है । पेयजल की उपलब्धता के दृष्टिगत संलग्न एम०बी० (माप है पत्रावली में संलग्न किये समय-समय पर प्राप्त प्रार्थना पत्रों की पुस्तिका) में कटिंग / गये प्रार्थनापत्र में अंकित जाँच अवर अभियन्ता (ल० सिं०) की जाँच ओवरराइटिग करके थाना लाभार्थियों के नाम के सम्मुख आख्या के अनुसार रिबोर कराये जाने की प्रागण एवं बृजलाल निषाद हैण्डपम्पों का क्रमांक अंकित पुष्टि के क्रम में संजय निषाद सुत पुत्र छोटेलाल निषाद का नाम नही है। जांच के समय उपलब्ध सालिकराम, गुलजारी पुत्र त्रिलोकी लिखा गया है। भुगतान किये करायी गयी दोनों पत्रावलियों में लक्ष्मी प्रसाद सुत बाबूलाल, आसमा पत्नी गये बिलों को पेड़ एण्ड संलग्न कोटेशन के फर्म एवं स्व० वकील पुत्र कल्लू पठान, बृजलाल कैन्सिल नहीं किया गया है, बिल क्रमांक एक समान है। निषाद सुत छोटेलाल के घर के पास नहीं लगा है जो नियमानुसार नही है। श्री जिससे स्पष्ट है कि कोटेशन थाना प्रांगण जयसिंहार स्थित ग्राम संजय निषाद के हैण्डपम्प प्रक्रिया का पालन नही किया पंचायत फतेहपुरसंगत में कुल 06 हैण्डपम्प रिबोर का स्थलीय सत्यापन गया है। आनलाइन प्रियासाफ्ट का रिवोर ग्राम पंचायत द्वारा किया गया था. सत्यापन के | पत्रक में पृथक-पृथक किये गये राज्य / केन्द्रीय वित्त आयोग की समय हैण्डपम्प के पुराने भुगतान में एक ही हैण्डपम्पों का संस्तुतियों पर प्राप्त अनुदान की धनराशि स्थान को नहीं दिखाया जो नियम संगत नहीं है। इस सम्बन्ध में ग्राम अंकित करते हुए भुगतान ले लिया गया है। संदर्भित कार्य का प्राक्कलन प्रधान एवं पंचायत सचिव द्वारा कराया गया कार्य संदिग्ध है धनराशि आहरित कर दुरुपयोग किये जाने विषयक आरोप का अधिरोपण किया जाना न्याय संगत नहीं है, जो अवक्रमित किये जाने योग्य है। जो कार्य पूर्व में ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया था जो क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण ग्राम पंचायत द्वारा पुनः मात्र मरम्मत का ही कार्य कराया गया है जिसे नया निर्माण कार्य दिखाकर शासकीय धनराशि आहरित कर दुरूपयोग / वित्तीय अनियमितता किये जाने हेतु प्रथमदृष्टया उत्तरदायी पायी गयी हैं। बुक आदि अभिलेखों को संलग्न नहीं किया गया है। भुगतानित किये गये बिलों को पेड एण्ड कैन्सिल नही किया गया है। स्पष्टीकरण / उत्तर के साथ संलग्न किये गये फोटोग्राफ्स अस्पष्ट है, जो भ्रामक है।
इस प्रकार नीलम देवी, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत फतेहपुरसंगत, विकासखण्ड जयसिंहपुर, जनपद सुलतानपुर द्वारा अपने पदीय दायित्वों एवं कर्तव्यों का निर्वहन सुचारू रूप से न करने, वित्तीय नियमों का पालन न करने, शासकीय धनराशि 16लाख 91 हजार रू० का दुरूपयोग / वित्तीय अनियमितता करने, मनमाने ढंग से कार्य करने, उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना करने, ग्राम पंचायत के विकास कार्यों को प्रभावित करने व शासनादेशों एवं प्राविधानों का उल्लंघन करने आदि के लिए प्रथमदृष्टया दोषी पायी गयी है।
डीएम ने नियत प्राधिकारी उत्तर प्रदेश पंचायतराज अधिनियम 1947 की धारा 95 (1) (छ) के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए नीलम देवी, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत फतेहपुरसंगत, विकासखण्ड जयसिंहपुर, जनपद सुलतानपुर के प्रधान पद के समस्त वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों तथा कृत्यों के सम्पादन पर लगा दी हैं तथा उक्त प्रकरण की अन्तिम जांच हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक, सुलतानपुर एवं अधिशाषी अभियन्ता, शारदा सहायक खण्ड 49 सुलतानपुर को जांच अधिकारी नामित करते हुए निर्देश दिया है कि प्रकरण की जांच करते हुए स्पष्ट जांच आख्या अभिलेखीय साक्ष्यों एवं संस्तुतियों सहित एक माह के अन्दर जिला पंचायतराज अधिकारी, सुलतानपुर के कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
डीएम ने स०वि०अ० (पं०) सहायक विकास अधिकारी (पं0) जयसिंहपुर सुलतानपुर को निर्देशित किया है कि ग्राम पंचायत फतेहपुरसंगत के निर्वाचित सदस्यों की सूची शैक्षिक योग्यता सहित तीन दिवस अन्दर जिला पंचायतराज अधिकारी, सुलतानपुर को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें तथा खण्ड विकास अधिकारी जयसिहपुर को अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने हेतु निर्देशित किया है। डीएम ने डीपीआरओ अभिषेक शुक्ल को निर्देशित किया है कि प्रकरण में उत्तरदायी
पायी गयी संगीता पाल, पंचायत सचिव / ग्रा०प०अ० के विरुद्ध अपने स्तर से नियमानुसार
अनुशासनिक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

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