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यूपी/सुलतानपुर-घुसपैठियों को भारत में नही रहने देगी,विपक्षी कर रहे राजनीति-प्रेम शुक्ल,नागरिकता संशोधन कानून के बारे में दी जानकारी

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यूपी/सुलतानपुर-घुसपैठियों को भारत में नही रहने देगी,विपक्षी कर रहे राजनीति-प्रेम शुक्ल,नागरिकता संशोधन कानून के बारे में दी जानकारी

सी.ए.ए.पर भ्रामक प्रचार कर ध्रुवीकरण कर रहा है विपक्ष, देश से अवैध घुसपैठिया को बाहर भेजना हमारा धर्म : प्रेम शुक्ला, राष्ट्रीय प्रवक्ता बीजेपी

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सुलतानपुर। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहाकि नागरिकता संशोधन कानून 2019 (सी.ए.ए.) नागरिकता लेने का नही बल्कि नारिकता देने का कानून है। कानून में किसी से भी धार्मिक भेदभाव नहीं बरता गया है। विपक्षी दल भ्रामक दुष्प्रचार कर लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। देश से अवैध घुसपैठियों को बाहर भेजना हमारा धर्म है।उन्होंने कहा कि केरल की पीएफआई के कट्टरपंथ को मानने वाले उन्मादी तत्व को कांग्रेस आई का राजनीतिक और पाकिस्तान की आईएसआई का फाइनेंशियल संरक्षण प्राप्त है।इन लोगों ने भ्रम फैलाकर उन्माद व अराजकता फैलाने का काम किया है। उनसे किस तरह निपटना है यह राष्ट्र के रूप में सरकार का दायित्व है।

शुक्रवार को जिला अध्यक्ष जगजीत सिंह छंगू, पूर्व जिला अध्यक्ष डा. एम.पी.सिंह, पूर्व मंत्री ओम प्रकाश पांडे, पूर्व विधायक अर्जुन सिंह ,भाजपा प्रवक्ता विजय सिंह रघुवंशी , शिवाकांत मिश्र, डा.अनुराग पांडे , घनश्याम चौहान,सभासद अरूण सिंह एवं गांधी सिंह की उपस्थित में शहर के निजी रेस्टोरेंट के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रेम शुक्ला ने कहाकि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जनता में भ्रम फैलाकर लोगों को उकसाना चाह रहे हैं ताकि देश में अशांति का माहौल पैदा हो।लेकिन भाजपा सरकार इस बात के लिए कटिबद्ध है कि वह एक भी घुसपैठियों को भारत में नही रहने देगी।

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नागरिकता संशोधन कानून के बारे में राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा चलाए जा रहे जनजागरण अभियान के तहत शुक्रवार को राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला सुलतानपुर पहुँचे ।शहर के निजी रेस्टोरेंट में आयोजित पत्रकार वार्ताके दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहाकि नागरिकता संशोधन कानून में कोई धार्मिक भेदभाव नहीं बरता गया है। विपक्षी दल भ्रामक दुष्प्रचार कर लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। भाजपा नागरिकता संशोधन कानून की असलियत व जनता से रूबरू कराने के लिये जन जागरण अभियान चला रही है।

श्री शुक्ला ने कहा कि विपक्षी दल नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर भ्रम फैलाकर उन्माद और उत्पात फैलाने का काम किया गया। बार-बार दुष्प्रचार हो रहा है कि एक्ट में धार्मिक भेदभाव रखा गया है।ये बिल्कुल निराधार और गलत है। कांग्रेस इसे लेकर ओछी राजनीति कर रही है।जबकि राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में सबसे बड़ी आबादी दलित अगर भारत आना चाहते है तो भारत उन्हें नागरिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है।

जवाहर लाल नेहरू ने भी कहा था कि जिन पर विभाजन लाद दिया है उनको भारत में नागरिकता मिलेगी।उनहोंने कहा कि 1950 में लियाकत समझौता में तय किया गया कि भारत अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करेंगा और कोई भेदभाव नहीं करेगा। यही गारंटी पाकिस्तान ने दी थी।लेकिन भारत अपने वायदे पर कायम रहा और पाकिस्तान नही रहा।पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा है।

राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहाकि कि विपक्षी कह रहे हैं कि लोग राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में नाम नही लिखाए।जबकि एनपीआर द्वारा गरीब लोगों की वास्तविक संख्या का पता चल सकेगा इससे सरकार उनके विकास की योजनाओं को और प्रभावी ढंग से लागू कर सकेगी।श्री शुक्ला ने विपक्षियों पर भ्रामक दुष्प्रचार कर धार्मिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाया।कहा विपक्षी धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण की कोशिश में है इससे जनता को सचेत रहने की जरूरत है।

प्रेम शुक्ला ने कहाकि कि नागरिकता संशोधन कानून अ, 2019 भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसके द्वारा सन १९५५ का नागरिकता कानून को संशोधित करके यह व्यवस्था की गयी है कि 31 दिसम्बर सन 2014 के पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी एवं ईसाई को धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत की नागरिकता प्रदान की जा सकेगी।इस कानून में देश के किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीनने का प्रावधान नही है।

असम एवं अरूणाचल प्रदेश में इस कानून के लागू न किये जाने के पत्रकारों के प्रश्न का जवाब देते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहाकि इन प्रदेशों को अनुच्छेद 371 के तहत विशेष प्रावधान किया गया है जिससे असम एवं अरूणाचल प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून 2019 लागू नही होगा।उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में बताया कि नागरिकता का कानून बनाना भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है किसी प्रदेश सरकार के नही। केरल विधानसभा द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के विरूद्ध पास किया गया प्रस्ताव असंवैधानिक है।

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